What PM said while launching redevelopment work for Gandhinagar Railway station
January 09, 2017
Gandhinagar: Speaking at the bhoomi pujan function for redevelopment of Gandhinagar railway station today, Prime Minister Shri Narendra Modi in his speech said:
Railway ministry was used as ‘Revdi’, we have doubled the budget
It was a hard truth that the railway ministry was used as a revdi or sweet-offer to form the government. The consequence was it that whichever party got it, showed least concern for it and what happened then is needless to say. During that time many parties used to put condition of taking railway ministry to be the coalition government partner’
On railways’ development during his govt:
If doubling work earlier in the past was happening in few kms length, now it’s happening in double, triple length. Earlier, gauge conversion work was given last priority by govt, but we have scaled up the priority and it is now happening in many folds compared to past. Railway was operating on diesel which we had to import. It was also causing environmental issues. We are speedily doing electrification and also making electric engines. Railways attracted highest foreign direct investment post independence in India during this government and two loco units are in progress. Cleanliness was given weightage in railways. Bio toilets are expensive, but we are erecting them as it has long term benefits associated to it. One could catch the train while it was running, but we are for increase in speed of railways. With changes in technology, railways can be made safer. World over 70% cargo moves by rail and 30% by road while we are the only country where 15-20% cargo move by rail and 70-80% by road. When cargo moves by road, it becomes very costlier. Suppose if we transport salt from Gujarat to Jammu & Kashmir through road, it will be very much costlier. We are working in direction to ensure that more cargo move by rail.
Lighter container for salt transportation
The Prime Minister said: railway container has 16 tonne weight and it contains 2-3 tonne salt hardly. I asked if container can have 6 tonne weight, it can contain 12 tonne salt and salt prices can come significantly down. Railway has designed how container can be lighter.
On idea of railway station redevelopment:
Railway station is heart of any city. The land is valuable but air is vacant and unoccupied. We can set up mall, theater, market, we can make double use of space available and increase the income of railway. We had in successful experiment developed bus station through public private partnership model, thanks to which poorest person can get same facility like rich man at airport. India has thousands of railway stations that can be redeveloped and we will do that in upcoming time.
On importance of Gandhinagar project in context of Mahatma Mandir
When I laid foundation stone for Mahatma Mandir on 1st of May during golden jubilee of Gujarat state, I had said that one day Mahatma Mandir will host world’s top people for discussion on peace. With redevelopment of this railway station coupled with convention center and helipad ground for trade exhibition, the entire corridor has possibility to become magnetic center for India’s business activities. The land was already there but connecting it and utilising it was important. Mahatma Mandir has capacity to remain busy for 300 out of 365 days and possibility to host global events.
PM said this project in Gandhinagar is first in India. In upcoming days similar projects will be implemented at other places too.
On digital response by people to railways initiatives
On digital response to railways, the PM said: Railway minister Suresh Prabhu has given wifi facility to railways. 60-70% people traveling in Indian railways purchase their tickets online which show the strength of India. Common people also book tickets online. Wifi experience at railway stations suggest that capacity at Indian railway stations for wifi is highest in the world. Many students come to railway stations to use free wifi facility for study. How one system can make change has been displayed by railways in two and half years by availing such facilities.
Text of PM’s address at “Bhumi Pujan” for redevelopment of Gandhinagar Railway Station Complex, Gujarat on 09 January, 2017
प्यारे भाईयों और बहनों,
हमारे देश में रेलवे, देश के सामान्य जन से जुड़ी हुई व्यवस्था है। गरीब से गरीब परिवार को भी रेलवे एक सहारा रही है। लेकिन दुर्भाग्य से रेलवे को उसके नसीब पर छोड़ दिया गया है। और गत 30 वर्ष में खास करके जबकि दिल्ली में मिली-जुली सरकारें रहती थीं और उसमें एक प्रकार से जो साथी दल रहते थे, वे तब मंत्रिपरिषद में जुड़ते थे या सरकार को समर्थन देते थे अगर उनको रेल मंत्रालय मिले तो। यानी एक प्रकार से रेल मंत्रालय सरकारें बनाने के लिए रेवड़ी बांटने के लिए काम आता था। ये कड़वा सत्य है और उसका परिणाम ये आया कि जिस भी राजनीतिक दल के व्यक्ति के पास रेलवे गई उसे रेलवे की चिंता कम रही; बाकी क्या रहा होगा मुझे कहने की जरूरत नहीं है।
इस सरकार ने रेलवे को प्राथमिकता दी है, रेलवे का विस्तार हो; रेलवे का विकास हो; रेलवे आधुनिक बने और रेलवे जन-सामान्य की जिंदगी में एक qualitative change के साथ मददगार कैसे बने? और आपने पिछले ढाई साल में रेलवे के कार्यकलाप को देखा होगा तो आपको ये ध्यान में आता होगा पहले की तुलना में बजट double कर दिया गया ये छोटी बात नहीं है। और रेलवे का उपयोग गरीब से गरीब को भी होता है इसलिए इतना बड़ा बजट रेलवे के लिए खर्च करने का तय किया। पहले अगर दिन में doubling का काम सालभर कुछ किलोमीटर होता था तो आज doubling का काम पहले से दो गुना, तीन गुना हो रहा है।
पहले रेलवे में gaze conversion का काम Meter Gaze से Broad Gaze बनाना, Narrow Gaze से Broad Gaze बनाना; ये काम आखिरी तबके में रहता था, उसको priority दी गई। पहले की तुलना में उसको अनेक गुना अधिक सफलता पाई। रेलवे डीजल इंजन से चले, कोयले से चले, environment के प्रश्न, डीजल से चले तो दुनिया भर से विदेश से डीजल import करना पड़े। Environment की भी रक्षा हो; विदेशी मुद्रा भी न जाए; डीजल से रेलवे को जल्दी से जल्दी Electrification की तरफ कैसे ले जाया जाए; बहुत बड़ी मात्रा में, तेज गति से आज रेल लाइनों का Electrification हो रहा है, रेल इंजन Electric इंजन बनाने का काम हो रहा है। आजाद हिन्दुस्तान में सबसे बड़ा Foreign Direct Investment रेलवे के क्षेत्र में आया है और दो बड़े Loco Engineering Manufacture के काम के लिए वो काम आने वाला है। भविष्य में वो पूरे रेलवे की गति बदलने वाले इंजन बनाने का काम होने वाला है।
इन सारी बातों के साथ-साथ सफाई से ले करके रेलवे में सुविधा उसको बल दिया गया, Bio-Toilet; वरना हम जानते हैं कि स्टेशन पर रेल की पटरियां गंदगी से भरी रहती हैं। बहुत तेजी से उस पर काम, बल दिया, बहुत बड़ा खर्चा है। लेकिन ये तत्काल न दिखे लेकिन लम्बे अर्से तक बड़ा लाभ करने वाला है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से एक परिवर्तन का प्रयास, उस दिशा में बड़ा बल दिया है। रेल की गति कैसे बढ़े? वरना पहले से चल रहा है चलती थी, चलती थी; बैठे हैं उतर जा सकते हैं फिर दौड़ करके चढ़ जा सकते हैं; ये सब बदला जा सकता है। Special Mission Mode में काम चल रहा है कि Exiting जो व्यवस्थाएं हैं उसमें क्या सुधार करें ताकि रेल की गति बढ़ाई जाए। Technology में परिवर्तन ला रहे हैं, विश्व भर से Technology की दृष्टि से लोगों को जोड़ रहे हैं कि safety एक बहुत बड़ी चिन्ता का विषय है और चुनौती भी है।
विश्व में Technological परिवर्तन इतना हुआ है कि रेलवे को सुरक्षित बनाया जा सकता है। बहुत बड़ी मात्रा में बजट खर्च करके compartment हो तो उसको भी किस प्रकार से सुरक्षा दी जाए उसके लिए चिन्ता और व्यवस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। Freight Corridor, रेल दुनिया में 70 प्रतिशत cargo, माल-सामान रेल से जाता है, 30 प्रतिशत रोड से जाता है। हमीं एक ऐसे देश हैं कि जहां 15-20% रेल से जाता है, 70-80% रोड से जाता है। और जब रोड से Cargo जाता है तो बहुत महंगा हो जाता है। अगर कोई सोचे कि गुजरात में पैदा होने वाला नमक जम्मू-कश्मीर तक जाएं और By Road जाएं तो वो इतना महंगा हो जाएगा कोई खरीद नहीं सकता। और इसलिए रेल के माध्यम से जितना ज्यादा Cargo Transport होगा, गरीब से गरीब व्यक्ति को सस्ता मिलेगा। और इसलिए Cargo को बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है।
मैंने रेलवे के लोगों को काम दिया था आते ही, मैंने कहा नमक जो रेलवे का Container होता है उसकी अपना weight 16 टन होता है और फिर उसमें मुश्किल से दो टन, तीन टन नमक आता है, मैंने कहा 16 टन का Container 6 टन का हो जाता है क्या? अगर वो 6 टन का हो जाए तो 12 टन नमक जाएगा और नमक जाएगा तो नमक जहां पहुंचेगा वहां मुफ्त में मिलना शुरू हो जाएगा और नमक पैदा करने वालों का नमक भी बहुत जल्दी पहुंच पाएगा। रेलवे ने design तैयार की है, नमक ले जाने के लिए कैसे Container हों ताकि weight कम हो। यानी एक-एक चीज को बारीकी से बदलाव करने की दिशा में रेलवे कार्यरत है।
और मुझे विश्वास है कि बहुत तेज गति से रेल बदल जाएगी। सामान्य मानवी को सुविधा तो बढ़ेगी, दूर-सुदूर इलाकों में रेलवे पहुंचेगी, भारत के बंदरों (बंदरगाहों) के साथ रेल जुड़ेगी, भारत की खदानों के साथ रेल जुड़ेगी, भारत के उपभोक्ता के साथ रेल जुड़ेगी लेकिन साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी। रेलवे स्टेशन जो भी हैं, Heart of the City में हैं। वो जमीन इतनी valuable है लेकिन आसमान खाली पड़ा है। तो बड़ी समझदारी का विषय है कि भले ही नीचे रेल जाए अरे ऊपर एक दस मंजिला, 25 मंजिला चीजें बना दो, वहां पर Mall हो, Theater हो, Hotel हो, बाजार हो, रेल के ऊपर चलता रहेगा; नीचे रेल चलती जाएगी। जगह का double उपयोग होगा, रेल को Income बढ़ेगी, Investment करने वाले Investment करने आएंगे। गुजरात में हम लोगों ने सफल प्रयोग किया, Bus station का Public private partnership Model के आधार पर development किया। आज गरीब से गरीब बस अड्डे पर जाता है, उसको वही सुविधा मिलती है जो अमीर लोग Airport पर जाते हैं, वो गुजरात ने करके दिखाया है।
आने वाले दिनों में हिन्दुस्तान में हजारों रेलवे स्टेशन हैं, जिसका इस प्रकार का Development हो सकता है। आप सबको याद होगा जिस दिन ये महात्मा मन्दिर का शिलान्यास किया था, Golden Jubilee Year था गुजरात का, 2010 में; और पहली मई के दिन इसी जगह पर बोलते हुए मैंने कहा था कि महात्मा मन्दिर आज जो नींव डाली गई है और मैं साफ देख रहा हूं एक दिन ऐसा आएगा जब इसी महात्मा मन्दिर में विश्व के दिग्गज लोग बैठ करके विश्व शांति की चर्चा करते होंगे।
महात्मा गांधी के नाम से जुड़ा हुआ महात्मा मंदिर, लेकिन उस महात्मा मंदिर को तो हमने बना दिया इतना तेजी से बना दिया, अब उन व्यवस्थाओं की जरूरत है कि इस प्रकार के दुनिया के दिग्गज आ करके ठहरें, ये रेलवे स्टेशन पर जो होटल बन रहा है इसमें आने वाले लोग स्वाभाविक रूप से महात्मा मंदिर के Convention Centre का उपयोग करेंगे; रुकेंगे यहां meeting करेंगे वहां और Helipad Ground पर प्रदर्शनी होगी। यानी एक प्रकार से पूरा Corridor, रेलवे हो, महात्मा मंदिर हो, Helipad का इलाका हो, ये पूरा का पूरा एक पूरे हिन्दुस्तान की business activity का एक magnetic centre की संभावना मैं देख रहा हूं। और इसलिए रेलवे स्टेशन पर बन रहा Infrastructure रेलवे तो जा ही रही थी, जमीन पड़ी थी लेकिन उसका इसके साथ जोड़ करके उपयोग करना और जिसके कारण महात्मा मंदिर पर 365 दिन में 300 दिन तक busy रहे, ऐसी उसके साथ सीधी-सीधी संभावना बनी है। विश्व स्तर के कोई कार्यक्रम बनने हैं उसके लिए भी संभावना इसके साथ पैदा हो रही है और रेलवे के विकास का भी ये आधार बनती है।
ये हिन्दुस्तान का पहला प्रकल्प आज गांधीनगर शुरू हो रहा है। आने वाले दिनों में हिन्दुस्तान के और स्थान पर भी आगे बढ़ेगा। हमारे सुरेश प्रभु जी ने रेलवे स्टेशनों पर Wi-Fi की सुविधा दी है। Digital India का जो सपना है उसका पूरा करने की दिशा में काम हो रहा है। कुछ लोगों को ये हिन्दुस्तान के गरीब लोग हैं उनको क्या समझ और आपको हैरानी होगी भारत की रेलवे में 60-70 प्रतिशत लोग Online Ticket Purchase करते हैं, Sixty-Seventy Percent हुआ? Online Ticket Purchase करते हैं, ये हिन्दुस्तान की ताकत है।
सामान्य मानवी जो रेल जाता है वो भी आज Online Railway की Ticket booking करा रहा है और ले रहा है। Wi-Fi के कारण अनुभव है कि आज हिन्दुस्तान में और विश्व के सब लोगों का analyze है, Google के लोग आए तो वो चर्चा कर रहे थे, भारत के रेलवे स्टेशन पर Wi-Fi की जो capacity है वो शायद दुनिया में सबसे ज्यादा है, स्टेशन के इलाके में। और उसका परिणाम ये हुआ है कि बहुत सारे Students जो Online पढ़ाई करना पसंद करते हैं, चीजें download कर-करके education के लिए उपयोग करते हैं, वो कोशिश करते हैं कि रेलवे स्टेशन पर पहुंचा जाए और अपने Computer, Laptop पर बैठ करके वो मुफ्त का काम हो जाता है और उसको दुनिया की जो चीज चाहिए, उपलब्ध हो जाती है। यानी एक व्यवस्था कैसे बदलाव ला सकती है इसका उदाहरण ढाई साल के अंदर हिन्दुस्तान की रेलवे ने करके दिखाया है।
उसी के तहत आज गुजरात में पूरे देश के लिए उपयोगी ऐसा एक प्रकल्प का प्रारम्भ हो रहा है जो आने वाले दिनों में हिन्दुस्तान के और शहरों में भी होगा और रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जाना, रेलवे को सामान्य मानवी की सुविधा का एक माध्यम बनाना और रेलवे है जो देश को गति भी देती है, रेलवे है जो देश को प्रगति भी देती है। मुझे मैं गुजरात के लोगों को, गांधीनगर के लोगों को और आज Vibrant Summit की पूर्व संध्या पर ये नजराना देते हुए बहुत गर्व और संतोष का भाव अनुभव करता हूं।
DeshGujarat
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